5 Simple Statements About sidh kunjika Explained
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति त्रयोदशोऽध्यायः
श्री लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम्
न सूक्तं नापि ध्यानं च, न न्यासो न च वार्चनम्।।
पां पीं पूं पार्वती पूर्णा खां खीं खूं खेचरी तथा ।
इदं तु कुञ्जिकास्तोत्रं मन्त्रजागर्तिहेतवे ।
क्लींकारी काल-रूपिण्यै, बीजरूपे नमोऽस्तु ते।।
ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा।”
देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि
श्री सरस्वती अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि
iti śrīrudrayāmalē gaurītantrē śiva pārvatī saṁvādē kuñjikā stōtraṁ sampūrṇam
ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
मां दुर्गा की पूजा-पाठ में शुद्धता का विशेष ध्यान रखें. सुबह-शाम जब भी आप ये पाठ करें तो स्नान के बाद साफ वस्त्र धारण करें और फिर इसे शुरू करें.
ॐ अस्य श्रीकुंजिकास्तोत्रमंत्रस्य सदाशिव get more info ऋषिः, अनुष्टुप् छंदः,